भूमि संरक्षण वन प्रभाग कालसी लांघा रेंज के अंतर्गत जुड्डो कुणा मार्ग कंपार्टमेंट 3 रेडाखड और कंपार्टमेंट 4 में जमकर हो रहा है, रिजर्व फॉरेस्ट में अवैध खनन का खेल,
आपको बता दें कि इन दिनों जल विद्युत निगम डाकपत्थर के द्वारा जूड्डो से कूणां गांव तक मार्ग के किनारे सुरक्षा दीवार लगाई जा रही है ,जिसमें ठेकेदार के द्वारा रिजर्व फॉरेस्ट के खालो नालो से बड़े-बड़े बोर्डेरों को निकाल कर जेसीबी के ब्रेकर से फोड़ कर उक्त पत्थरों को दीवारों में लगाया जा रहा है, वन विभाग के आरक्षित कंपार्टमेंट में इन दिनो कई मजदूर पत्थर का उत्खनन करते हुए देखे जा सकते हैं, सूत्र का कहना है रात के समय में वन विभाग के अधिकारियों के मिली भगत से इस खनन को अंजाम दिया जाता है, कई जगह तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि पत्थरों का स्टाक भी नजर आ रहा है, रात के अंधेरे में पत्थरों को ट्रैक्टरों के माध्यम से परिवहन किया जाता है। वन परिक्षेत्र में चल रहे इन अवैध खदानों को बंद करने की जहमत विभाग का अमला नहीं उठा पाता, इसके पीछे राजनीतिक संरक्षण प्राप्त
खनन माफियाओं का हाथ होना बताया जा रहा है। लांघा वन क्षेत्र के अंतर्गत अवैध पत्थर निकालने का सिलसिला लंबे समय से जारी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उक्त खनन को सैक्सन अधिकारी के मिली भगत से चलाया जा रहा है। उक्त अधिकारी ठेकेदार व खनन माफियाओं से सुविधा शुल्क लेकर वन संपदा को खूब लुटा रहा है। जिससे सरकार को करोड रुपए का चुना लग रहा है, जबकि वन अधिनियम के अनुसार आरक्षित वन क्षेत्र में किसी भी जगह अवैध खनन करना दंडनीय अपराध है, उसके बाद भी कुछ अधिकारी चंद पैसों के लालच में अपना जमीर बेचने का कार्य कर रहे हैं ,और
सरकार के राजस्व को हानि पहुंचा रहे हैं। बताया यह भी जा रहा है कि रात के समय में बाढ़वाला लांघा रेंज के बैरियर से कई अवैध खनन के वहां बैरियर पर सुविधा शुल्क देखकर निकल रहे हैं।अगर समय रहते हुए उक्त अधिकारियों पर विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की तो इसका खामियाजा सरकार व वन विभाग को भुगतना पड़ेगा। वही कालसी भूमि संरक्षण वन प्रभाग एसडीओ शिप्रा शर्मा का कहना है इसमें जांच कर कार्रवाई अमल में लाई जाएंगी