सम्पादक देवेन्द्र सिंह राय
देहरादून, कालसी
अवैध खनन को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार के द्वारा सख्त आदेश के बाद भी कालसी तहसील व थाना कालसी क्षेत्र अंतर्गत खेरवा गांव के पास अवैध खनन का काला कारोबार रात और दिन मैं धड़ल्ले से जारी है
शासन प्रशासन के मिलीभगत से अवैध खनन के काम में लिप्त लोगों को किस का संरक्षण प्राप्त है अपने में एक बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है गौरतलब है कि उत्तराखंड सरकार के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नदियों से होने वाले अवैध खनन पर सख्ती से रोक लगाने के निर्देश दिए हैं इसके बाद भी खनन माफिया कलसी तहसील क्षेत्र के टोंस नदी का सीना चीर कर चांदी काट रहे हैं बताया जा रहा है जिस जगह से खनन किया जा रहा है वह रिजर्व फॉरेस्ट रिवर रेंज डाकपत्थर का है और चकराता वन प्रभाग के क्षेत्र का होना बताया जा रहा है
![]() |
ये फोटो और जगह कि है |
चकराता वन प्रभाग इन दिनों सुर्ख़ियों में है कहीं अवैध कटान तो कहीं अवैध खनन की शिकायतें आए दिन मिल रही है खनन माफिया कुछ प्रशासन के लोगों से मिलीभगत कर अवैध खनन को अंजाम दे रहे हैं खेरवा गांव में लगभग एक दर्जन से अधिक डंपर आईसर वाहन एलपी वाहन की जाने की सूचना है खेरवा गांव के निकट नदी रिजर्व फॉरेस्ट से खनन माफिया जमकर अवैध खनन के खेल को तो अंजाम दे ही रहे हैं वहीं दूसरी ओर उप खनिज के जगह-जगह अवैध भंडारण कर माफिया रोजाना लाखों के वारे न्यारे कर रहे हैं सूत्रों की माने तो खेरवा में ट्रैक्टर ट्रॉली के माध्यम से नदी से अवैध खनन परिवहन किया जा रहा है नदियों से चोरी-छिपे उप खनिज लाकर जगह जगह खनन माफिया द्वारा अवैध तरीके से रोड के नीचे झाड़ियों में भंडारण किया गया है अवैध खनन
को पछवा दून सहित अन्य जगहों पर मनमानी दामों पर बेचा जाता है जिससे वह खनन माफिया चांदी काट रहे हैं वही संबंधित विभाग की लापरवाही के चलते सरकार को रोजाना लाखों करोड़ों रुपए की राजस्व की हानि उठानी पड़ रही है आलम यह है कि खनन माफिया बेखौफ होकर पहले रात के अंधेरे में खनन किया करते थे लेकिन अब दिनदहाड़े इन अवैध भंडारण पर जेसीबी नुमा ट्रैक्टर बकेट लगाकर खनन भरते हुए तस्वीरों में देखा जा सकता है जोकि उत्तराखंड में सरकार के द्वारा प्रतिबंधित मशीन किया हुआ है ऐसा नहीं कि
संबंधित विभाग को इसकी खबर ना हो मगर संबंधित विभाग सुविधा शुल्क लेकर इस काले कारोबार को चला रहा है इस काले कारनामे पर अंकुश प्रशासन लगा पाएगी या नहीं या सुबे को होने वाले राजस्व की भरपाई कौन पूरी करेगा यह भी सोचने का विषय है सूत्रों के हवाले से यह भी पता चला है दिन रात खेरवा के अवैध भंडारण से
आईसर वाहन और एलपी वाहनों के माध्यम से अवैध खनन खेरवा से पछवा दून में लाया जाता है बताया यह भी जा रहा है कि आजकल पहाड़ों से सेब के वाहन रोजाना रात दिन पहाड़ों से मैदानी क्षेत्रों में आ रही है उन्हीं के बीच में अवैध खनन के वाहन भी प्रशासन के आंखों में धूल झोंक कर नीचे की ओर आ रही है इस संबंध में उपजिलाधिकारी युक्ता मिश्रा का कहना है कि अवैध भंडारण व खनन की गहनता से जांच की जाएगी क्षेत्रीय पटवारी को मौके पर भेजकर जांच रिपोर्ट मांगी जाएगी जांच के बाद खनन माफिया पर कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी