साहिया 27 नवंबर
खत शैली के अंर्तगत दोहा गांव की लड़कियों (ध्यानटुडियों) द्वारा अपने ईष्ट देव माहसु देवता को चांदी का डोरिया व गांव की महिलाओं ( रयंटूडियों ) द्वारा चांदी का धूपनियारा अर्पित किया।इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ ही विशाल भंडारे का आयोजन भी किया गया। गांव की लड़कियों एवं महिलाओं के साथ ही आस पास के गांवों से आएं हजारों श्रद्धालुओं ने देव दर्शन कर अपनी ओर अपने परिवार की खुशहाली की कामना करते हुए देवता से आशीर्वाद प्राप्त किया।
सुबह करीब 10 बजे दोहा गांव की 76 विवाहिता व अविवाहित लड़कियों ने अपनी श्रद्धा से गांव में स्थित नव निर्मित माहसु देवता के मन्दिर में विराजमान माहसु देवता को करीब 1 किलो वजनीय चांदी का डोरिया अर्पित किया। वहीं गांव की महिलाओं द्वारा देवता को धूप देने वाला चांदी का धूपनियारा भेंट किया। इसके साथ ही लड़कियों द्वार कयलु देवता व काली माता को चांदी के आलग अलग छत्र भेंट किए। गांव की लड़कियों एवं महिलाओं द्वारा बनाए गए चांदी के
डोरिये तथा धूपनियारे को गांव के लोगों द्वारा 24 नवंबर की सुबह गांव से हनोल स्थित माहसु धाम ले गये। जहां से 26 नवंबर की शाम को गांव पहुंचे।गाजे बाजे के साथ स्वागत करते हुए लोगों ने देव दर्शन किए। और पूरी रात जागरण करते हुए भंजन कीर्तन व मंडावणा लगाया। आज सुबह करीब 10 बजे गांव की लड़कियों व महिलाओं द्वारा चांदी का डोरिया व धूपनियारे को माहसु देवता को अर्पित
किया। जौनसारी भेष भूषा में सजी गांव की महिलाओं व लडकियों से पूरा मन्दिर प्रांगण सुसज्जित हो उठा।छोटी लड़कियां से लेकर बडी सभी घाघरा व जग्गा पहने हुई थी। जिनके द्वारा जैंता, रासो व हारूल नृत्य किया गया। और भंडारे व प्रसाद को ग्रहण किया।इस मौके पर पंडित विद्यादत्त जौशी, माहसु मन्दिर समिति के अध्यक्ष चमन सिंह
चौहान, चालदा माहसु मन्दिर समिति खत स्याणा राजेंद्र सिंह तोमर, ब्लाक प्रमुख मटोर सिंह चौहान, राजेंद्र चौहान, नारायणी देवी, राधा देवी, सुन्दला देवी, मुन्नी देवी,कृति देवी,सरला देवी, नीशा,सुनीता चौहान, सीमा, बबीता कल्पना, काजल,जलमा, प्रमिला सहित गांव की लड़कियां एवं महिलाएं मौजूद थी।