देहरादून उत्तराखंड
संवादाता दीपक नेगी
आज बेरोजगार आयुर्वेदिक नर्सेस संघ निदेशक आयुर्वेदिक एवम यूनानी को स्थाई पदों के सृजन हेतु ज्ञापन दिया गया।
जिसमे बेरोजागर नर्सेस का कहना है कि राज्य में 2009 से राजकीय व निजी आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज मे आयुर्वेदिक नर्सिस कोर्स करवाएं जा रहें हैं जिसके नर्सेस का प्रत्येक वर्ष एडमिशन और पासआउट हों रहा है 2014 में शासन द्वारा 18 राजकीय पदों पर तथा 2018 में 30 पदों पर हरावाला विश्वविध्यालय द्वारा नियुक्ति दी गई लेकिन इसके बाद कोई नियुक्ति नहीं की गई जिस कारण 2015 से प्रत्येक वर्ष नर्सिंग की क्षात्राए पासआउट हो रहे हैं सभी नर्सेस की बेरोजगारी का एक भी कारण है जो आयुर्वेदिक नर्सिंग का डिप्लोमा है जो कि निजी एलोपैथिक अस्पतालों मे मान्य नहीं होता तथा प्रदेश में कोई ऐसा निजी संस्थान नहीं है जहां पर बेरोजगार नर्सेस को रोजगार मिल सके इसके अतिरिक्त आयुर्वेदिक नर्सिंग डिप्लोमा लेने के पश्चात इस में स्नातक स्तर पर अग्रिम शिक्षा का कोई प्रावधान नहीं है जिस से नर्सेस को रोज़गार के अवसर मिल सके।
जिसमे बेरोजगार संघ का कहना है कि दुर्भाग्य की बात है हम आयुष विभाग से जुड़े होने के पश्चात भी हमारा भविष्य अंधकार में दिखता नजर आ रहा है जहां राष्ट्रीय स्तर पर आयुर्वेद को शासन प्रशासन द्वारा प्रचार प्रसार किया जा रहा है पर धरातल पर शून्य नज़र आ रहा है वही बेरोजगार संघ का कहना है कि 2016 से लगातार बेरोजगार नर्सेस पदों की मांग कर रही हैं लेकिन अभी तक पद सृजित नहीं हो पाए जबकि राज्य में 545 से ज्यादा राजकीय अस्पताल हैं जहां पर पद खाली चल रहे हैं।वही बेरोजगार संघ की महासचिव नीलम ग्रंथि का कहना है कि अगर सरकार शीघ्र पद सृजित नहीं करती है तो उन्हें मजबूरन भूख हड़ताल पर बैठने पर विवश होना पड़ेगा।