संवादाता राजेन्द्र सिह चौहान
उत्तरकाशी उत्तराखण्ड
सुरेन्द्र सिंह,ग्राम प्रधान खेड़मी,जिला प्रधान संगठन के मीडिया प्रभारी भेड़ पालकों की सुध लेने पहुंचे थांगा, रैसोड़ा,बाली पास कठिन पगडंडियों से 48 घण्टे पैदल चलकर पहुंचे बुग्यालों में दो माह के लिए बुग्यालों में रहेंगे भेड़ पालक,मीडिया प्रभारी ने बताया भेड़ पालकों को बताया हिम वीर सरकार से कि है भेड़ पालकों का जीवन बीमा करने की मांग*।
थांगा रसौडा वाली पास पहुँचने पर भेड पालकों ने जिला प्रधान संगठन के मीडिया प्रभारी सुरेन्द्र सिंह का राज्य पुष्प बृहम कमल,जियारी, लेशर, ज्यान ,भेड़ गद्दा अनेकों फूलों से ग्राम प्रधान सुरेन्द्र सिंह का स्वागत किया जिसमे ग्राम प्रधान खेड़मी ने सभी भेड़ालो (भेड पालकों) का आभार जताया ।
थांगा,बालीपास - विकास खण्ड मोरी के दर्जनों गांव का मूल व्यवसाय कृषि बागवानी भेड़ पालक पर निर्भर है,अपनी आजीविका का मुख्य स्रोत खेड़मी,देवजानी,जीवाणू, बड़ासू,फते पर्वत,पंजगाई पट्टी सहित सिंगतूर पट्टी के अधिकांश पशुपालक भेड़ बकरी पालना ही अपनी आजीविका का व्यवसाय करते है,जिससे की अपने शरद ऋतु सहित,भारी वर्षात्त का समय के डाबली,कम्बल के साथ दिन रात का कठिन समय काटते है, थांगा, बाली पास सबसे ऊंचाई वाले बुग्यालों में पहुंचकर प्रत्येक वर्ष में भेड़ पालक दो महा के लिए बुग्यालों को बर्फ से ढके गिलेसरों के बीच में रहकर अपनी जिन्दगी की प्रवाह किए बिना बुग्यालों में रहते है । भेड़ पालकों ने देवसू , थांगा, त्यथांगा, छोनी के पास छोटे छोटे वैकल्पिक पुलियां बनाने के लिए वन विभाग से मांग की है,जिससे की भेड़,बकरियों को लाने जाने में आसानी हो कोई पशु जन हानि न हो, चाइना वॉडर, से ये सभी बुग्याल जुड़े हुए है।
भेड पालक एक किनारे से दूसरे किनार तक आने जाने के लिए आसान रास्ते व पगडंडियों से अवगमन के रास्ते है।जिला प्रधान संगठन के मीडिया प्रभारी सुरेन्द्र सिंह के साथ में भेड़ पालक विनेश पंवार,दीपक पंवार,मनोज पंवार,दाना राम,रमेश पंवार,पलवीर चौहान सामिल थे।।