ऐतिहासिक ग्राम सभा धारकोट की जैव विविधता ऐतिहासिक महत्व व संस्कृति से जुड़े तथ्यों को अब जाने लगे हैं देश-विदेश में रहने वाले शोधकर्ता
डॉल्फिन इंस्टिट्यूट के फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के हेड द्वारा ग्राम सभा धारकोट को शोध एवं मूल्यांकन के लिए चुना गया
शोधकर्ताओं में कई विद्यार्थी सिक्किम नागालैंड उड़ीसा कर्नाटक हिमाचल उत्तराखंड से आए थे जिस्म की तीन दिन का जैव विविधता पर शोध एवं मूल्यांकन का कार्यक्रम चलाया गया जिसमें धारकोट की ऐतिहासिक महत्व खेती व पाथल से बने घरों के अस्तित्व व सांस्कृतिक रहन-सहन पर श्री हरीश नेगी (हैरी नेगी )द्वारा विस्तृत रूप से समझाया गया और जैव विविधता से जुड़े पहलू को धारकोट के जैव विविधता से भरपूर जंगल के बारे में श्री योगेंद्र सिंह नेगी गुड्डू भाई द्वारा विस्तृत जानकारी दी गई, साथी डॉल्फिन इंस्टीट्यूट से आए डॉक्टर विश्वास श्री सी एस रावत श्री ऋषभ विश्वास द्वारा बच्चों को इस बारे में साइंटिफिक तौर पर रुकता जानकारी का शोध और मूल्यांकन पर महत्व पर बढ़ावा दिया गया । साथी धारकोट की जैव को वैश्विक पटल पर किस तरह रखा जाए व मेदूगी जैसी जगह को sustainable tourism birds watching और हाई एडवेंचर साइट की तहत किस रूप से डेवलप किया जाए जिससे यहां रहने वाले लोगों को रोजगार मुहैया हो सके उसकी संभावनाओं को ढूंढा गया
कार्यक्रम के तहत पहले दिन ऐतिहासिक ग्राम सभा धारकोट का भ्रमण करवाया गया गांव में बने पठाली के घर व पुराने सभी ऐतिहासिक धरोहरों से रूबरू कराया गया व खेतों में होने वाले अनाज के महत्व के बारे मेंसमझाया गया
दूसरे दिन प्राकृतिक संपदा से भरपूर गांव के जंगल में भ्रमण करवाया गया जंगल में मौजूद पशु पक्षियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गईवह जंगल में हाईटेक मोशन कैप्चर करने वाले कैमरे लगाए गए जिसके जरिए जिस्म की जंगल में मौजूद दुर्लभ प्रजातियों कोरात के अंधेरे में भी कैप्चर किया जा सके ।और शाम को प्रकृति से जुड़ी ऑस्कर जीतने वाली डॉक्युमेंट्री the elephant whisperers दिखाई गई
तीसरे धार्मिक महत्व से जुड़ी मंदिर एवं उनके महत्व को श्री विजयपाल सिंह नेगी ( बिज्जा भाई ) द्वारा परुडी गांव में स्थित बूढ़ा केदार के मंदिर के दर्शन करवाइए ।
आप में से भी कोई पर्यटक कोई शोध करता या फिर कोई प्रकृति प्रेमी अगर ऐतिहासिक ग्राम सभा धारकोट आना चाहता है तो सभी ग्राम सभावासी हमेशा आपका स्वागत के लिए प्रतीक्षा करते हैं